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मौसम के हिसाब से चलती पढ़ाई, पश्चिम चंपारण के 11 स्कूलों में दो शिफ्ट, सर्दी में छोटे बच्चों को हो रही परेशानी

पश्चिम चंपारण के उक्रामित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो शिफ्टों की व्यवस्था, लौरिया, नरकटियागंज, सिकटा के स्कूल प्रभावित। ठंड से छात्र हुए बीमार, अभिभावकों ने विरोध जताया।

Bihar News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा व्यवस्था ने मौसम के अनुसार अपना रूप बदल लिया है। यहां 11 सरकारी स्कूलों में भवन की कमी के कारण दो शिफ्टों में पढ़ाई हो रही है। गर्मी में यह सिस्टम ठीक चलता है, लेकिन सर्दियों में छोटे बच्चों को सुबह जल्दी स्कूल जाने में भारी दिक्कत हो रही है। अभिभावक नाराज हैं और विभाग पर सुधार की मांग कर रहे हैं। अगस्त 2025 से शुरू यह व्यवस्था अब सर्दी के कारण विवाद का विषय बन गई है। ग्रामीण इलाकों के अभिभावक जो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वे कहते हैं कि ठंड में सुबह 6:30 बजे स्कूल भेजना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। विभाग ने भवन निर्माण की बात कही है, लेकिन फिलहाल कोई राहत नहीं मिली।

दो शिफ्टों की व्यवस्था: गर्मी में ठीक, सर्दी में मुसीबत

पश्चिम चंपारण के 11 स्कूलों में भवन कम होने से दो शिफ्टों का सिस्टम चल रहा है। स्कूल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलते हैं। पहली शिफ्ट (सुबह 6:30 से 11 बजे तक) कक्षा 1 से 8 तक के छोटे बच्चों के लिए है। दूसरी शिफ्ट (11:30 बजे से 4 बजे तक) कक्षा 9 से 12 के बड़े बच्चों के लिए। गर्मी में सुबह की शिफ्ट ठीक रहती है, लेकिन सर्दियों में छोटे बच्चों को ठंड में सुबह जल्दी उठना पड़ता है। अभिभावक रामचंद्र प्रसाद यादव ने कहा, “स्कूल प्रबंधन को पहले भवन की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर वैकल्पिक व्यवस्था ही करनी है तो पहली शिफ्ट में बड़े बच्चों को बुलाएं। दूसरी शिफ्ट छोटे बच्चों के लिए होनी चाहिए।” मुहम्मद सिराज नामक अभिभावक ने बताया, “भवन नहीं है, बच्चे स्कूल न जाएं तो शिक्षक नाम काटने की धमकी देते हैं। सर्दी बढ़ेगी तो सुबह 6 बजे छोटे बच्चों का स्कूल जाना नामुमकिन होगा।”

प्रभावित स्कूल और ब्लॉक

ये 11 स्कूल सभी उक्रामित उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। लौरिया ब्लॉक में एक (धौरा), नरकटियागंज में चार (कोइरगवां, नौतनवा, बिनवलीया, बरवा बरौली), सिकटा में चार (झुमका उर्दू, बालाथर, मसवास, सुगहा भवानिपुर), बैरिया में एक (बगाही ज्ञान जी के टोला) और मझौलिया में एक (नानोसती) स्कूल शामिल हैं। इनमें छात्रों की संख्या कमरों से ज्यादा है, जिससे भीड़भाड़ होती है। जिला शिक्षा पदाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा, “कमरों की कमी और छात्रों की अधिक संख्या से पढ़ाई में दिक्कत होने पर प्रधानाध्यापकों की मांग पर बीईओ की जांच के बाद दो शिफ्ट की अनुमति दी गई। भवन निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।”

सर्दी में छोटे बच्चों की परेशानी: एक बच्चे की हालत बिगड़ी

सर्दी ने व्यवस्था की पोल खोल दी है। सिकटा ब्लॉक के सुगहा भवानिपुर स्कूल में कक्षा 3 के छात्र प्रिंस कुमार सुबह 6 बजे स्कूल जाते समय ठंड से बेहोश हो गए। उनके पास स्वेटर नहीं था। ग्रामीण सोनालाल साह, भोज ठाकुर, नंदू पटेल और करीमन पटेल ने आग जलाकर उन्हें सेकाया। प्रिंस को होश आया तो घर भेज दिया गया। एक हफ्ते पहले कक्षा 1 की एक लड़की भी ठंड से गिर गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी में कोई समस्या नहीं, लेकिन सर्दी में सुबह की शिफ्ट छोटे बच्चों के लिए खतरनाक है।

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