Bihar News: बिहार में बिजली महंगी होने का खतरा, ग्रामीण-शहरी उपभोक्ताओं के लिए एकसमान दर का प्रस्ताव, जनता से मांगी राय
BSPHCL ने विद्युत विनियामक आयोग को भेजा दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव। घरेलू, कृषि और औद्योगिक सभी श्रेणियों में होगी वृद्धि। 5 फरवरी तक जनता से मांगी गई है राय।
Bihar News: बिहार के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए चिंता की घंटी बज गई है। अप्रैल 2026 से बिजली के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बसपहकोल) ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को अनुदानरहित दरों में वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। इसमें सभी श्रेणियों घरेलू, कृषि, औद्योगिक और गैर-घरेलू में 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया है। सबसे बड़ा बदलाव ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के बीच दरों को एकसमान करने का है। वर्तमान में ग्रामीण इलाकों में सब्सिडी वाली दरें कम हैं, लेकिन नई व्यवस्था से गांवों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। छोटे-छोटे गांवों के परिवार जो पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, उनके लिए बिजली बिल बढ़ना भारी बोझ साबित हो सकता है। आयोग ने जनता से राय मांगी है, ताकि अंतिम फैसला लिया जा सके।
वर्तमान दरें और प्रस्तावित बदलाव: कौन सी श्रेणी पर क्या असर
अभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अनुदानरहित दर 7.42 रुपये प्रति यूनिट है, जिसे 7.77 रुपये करने का प्रस्ताव है। शहरी घरेलू उपयोग में दो स्लैब को एक कर 100 यूनिट से अधिक खपत पर 1.18 रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त दर लगेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडी खत्म होने से बिलों में भारी इजाफा होगा, जबकि शहरी उच्च खपत वाले परिवारों को थोड़ी राहत मिल सकती है। कृषि पटवन के लिए ग्रामीण दर 6.74 से 7.09 रुपये और शहरी 7.17 से 7.52 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है। स्ट्रीट लाइट की दर 9.03 से 9.38 रुपये, सार्वजनिक पेयजल 9.72 से 10.07 रुपये और हर घर नल जल योजना 8.16 से 8.51 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। गैर-घरेलू ग्रामीण 7.79 से 8.14 रुपये और शहरी 7.73 से 8.08 रुपये हो सकती है। औद्योगिक क्षेत्र में छोटे उद्योगों की दर 7.79 से 8.14 रुपये, वाहन चार्जिंग स्टेशन 8.72 से 9.07 रुपये, बड़े उद्योगों (11 केवी) 7.98 से 8.33 रुपये, (33 केवी) 7.92 से 8.27 रुपये और (132 केवी) 7.85 से 8.20 रुपये प्रति यूनिट होगी। ऑक्सीजन प्लांट की दर 5.43 से 5.78 रुपये और व्हीलिंग चार्ज में भी वृद्धि का प्रस्ताव है।
जनता की राय और सुनवाई: सरकार का अनुदान क्या बचेगा
आयोग ने कंपनी के प्रस्ताव पर जनता से सुझाव मांगे हैं। ई-मेल, रजिस्टर्ड पोस्ट या स्पीड पोस्ट से राय भेज सकते हैं। सुनवाई की तारीखें तय हैं..6 जनवरी को पटना, 12 जनवरी को बेगूसराय, 19 जनवरी को गया और 5 फरवरी को पटना में। इन रायों के आधार पर नई दरें तय होंगी। सरकार ने हमेशा आयोग के फैसले के बाद अनुदान की घोषणा की है, जिससे गरीब उपभोक्ताओं को राहत मिलती रही है। लेकिन इस बार एकसमान दरों से ग्रामीणों पर बोझ बढ़ सकता है। उपभोक्ता संगठनों ने विरोध जताया है और कहा है कि सब्सिडी बचानी चाहिए। बिहार सरकार पर अब नजर है कि वह कैसे संतुलन बनाएगी। अगर प्रस्ताव पास हुआ तो अप्रैल से बिलों में बदलाव दिखेगा। उपभोक्ता अपनी राय जरूर दें ताकि फैसला सबके हित में हो।



