जरा हट केबिहारशेखपुरासम्पादकीय

सम्पादकीय! मगही न्यूज के लक्ष्य है ई भाषा के सम्मान दिलाना, जानहो एकर इतिहास औ साथ देहो सब मिल के

सम्पादकीय

मगही! एक समय हलै जहिया ई चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राजदरबार के मुख्य भाषा हलै। आझ देख लेहो की गति होल है एकर। आझ बताबो हियो एकर इतिहास कइसन है। जानो हो ई भाषा के एतना गौरवशाली इतिहास हलै ने जेतना ई दुनिया के अच्छा-अच्छा भाषा के नै रहले हे। मगर एकर आझ की हाल है देख लेहो, हमनियो के केजो बोले में लाज लगो है। सुनहो आझ! मगही आझो अपन देश के बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में बोलल जा है। बिहार के लगभग नो जिला जेकरा में गया, पटना, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, नालंदा, शेखपुरा, लक्खीसराय औ अरवल में बोलल जा है। झारखण्ड के लगभग सात जिला जेकरा में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, जामताड़ा औ चतरा में औ पश्चिम बंगाल के मालदा जिला में भी बोलल जा है

औ सुनहो भारते छोड़ देहो एकर बाहर नेपालो के सात जिला में सब मगहिये बोलो हखीन जेकरा में सरलाही, महोत्तरी, सिरहा, धनुषा, सप्तारी, मोरांग औ झापा शामिल है। जानो हो भारत में जे दु हजार एगारह के जनगणना होले हल ने ओकर मुताबिक मगही बोले वाला के कुल जनसंख्या दु करोड़ सात लाख हलै। फेर होतै दु हजार एकैस में जनगणना अब तोहिं सब सोचहो जरी औ बताहो अबरी ई संख्या कहाँ पहुँच जयतै। नै विश्वास हो रहलो ह ने तौ गूगल बाबा से पूछ लेहो। उ अन्तर्यामी हखिन सब बता देथुन।

एगो औ बात बता दे हियो अगर अपन ई भाषा के सम्मान चाहो हो ने सब तौ सब के मिल के खुबे जोर लगाबो पड़तो। बहुत सन अइसन भाषा है आझ भारत में जेकरा बोले वाला के हमनी से कम आबादी है औ उ मगही से बहुते आगे निकल गेलै ह।

ई न्यूज चैनल के मगही नाम रखे के पीछे इहे मकसद हलै कि सब खबर मगहिये में लिखियै। पर आदमी औ पूंजी के कमी है अभी, जे हे से तनी देर हो रहले ह। साथ बनैले रहभो अइसहीं त धीरे-धीरे उहो लक्ष्य पूरा कर लेबै। फेर मिलबो कहिओ अगला कड़ी में तौ आउ कुछ नया बतैबो अपन भाषवा के बारे में। परनाम।

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