इंसान का सच्चे अर्थों में इंसान होना ही मानवता है। और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। भले ही आज हमारा विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा है, मगर हम अपना मानवीय धर्म मानवता को निरंतर पीछे छोड़े जा रहे हैं। आज के इस इस आर्थिक युग में जहां भाई-भाई का दुश्मन बन बैठे हैं, वहीं शेखपुरा की जिलाधिकारी इनायत खान लगातार मानवता की मिसाल पेश कर रही हैं।
बिगत 30 सितंबर को जिले के करंडे गांव में आसमानी बिजली गिरने से एक महादलित परिवार का घर उजड़ गया। इस आपदा में घर के 3 व्यक्तियों का देहांत हो गया था। जिसमें शिव कुमार मांझी, उनकी पत्नी सरिया देवी और टूजी एक बेटा भी शामिल था। इस परिवार में मृतक की दो बेटी आशा और पूजा और एक बेटा चुटर बचा हुआ है। जिनकी उम्र करीब 2 वर्ष से 6 वर्ष के बीच है। इस घटना की जानकारी जब जिलाधिकारी इनायत खान को मिली थी तो तत्काल उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को उनके पालन-पोषण की व्यवस्था और आपदा बिभाग से जल्द से जल्द मुआवजा दिलवाने का निर्देश दे दिया था। जिलाधिकारी की तत्परता से आपदा के तहत ₹1200000 की राशि तीनों बच्चे के नाम से फिक्स डिपाजिट किया गया है, जो 18 वर्ष के बाद उसे दिया जाएगा। इसके अलावा परवरिश योजना के तहत तीनों बच्चों को ₹1000 प्रतिमाह दिया जा रहा है, जो 18 वर्ष पूर्ण होने तक दिया जाएगा। इसके अलावा बच्चों को ठीक ढंग से पालन पोषण करने के लिए सभी आवश्यक बिंदुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
वहीं आज जिलाधिकारी ने स्वयं तीनों बच्चों को अपने चेंबर में बुलाकर अपनी टेबल पर बैठा कर काफी समय तक प्यार दुलार किया। उनको गर्म कपड़े व टॉफी आदि दिया। उन्होंने राजीव कुमार (अपर अनुमंडल पदाधिकारी) और बी एन रॉय (अंचलाधिकारी चेवाड़ा) को उनकी ठीक ढंग परवरिश के लिए कई आवश्यक निर्देश भी दिया। इस बात की जानकारी देते हुए जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि प्रतिमाह बच्चों के पालन पोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज भी दिया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इन बच्चों को नामांकित भी कर दिया गया है।