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बाल अपराधियों को सुधारने की पहल, जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

शेखपुरा समाहरणालय के श्रीकृष्ण सभाकक्ष में जनार्दन त्रिपाठी जिला सत्र न्यायाधीश सह जिला जज की अध्यक्षता में किशोर न्याय अधिनियम एवं पास्को एक्ट के संबंध में संवेदनशीलता एवं जागरूकता कार्यक्रम के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बेसहारा बच्चों को न्याय दिलाना अति आवश्यक है। बच्चों को संरक्षण देना हमारा प्रथम दायित्व बनता है। छोटे-छोटे बच्चों को कानून के हिसाब से संरक्षण देना हम सभी का कर्तव्य है। छोटे बच्चों को सुधारना है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयत्न करना है। इसके लिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा, तभी हम दूसरे को भी जागरूक कर सकेंगे। इस इस अवसर पर पास्को के विशेष जज ने पास्को एक्ट के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार गरीब व्यक्तियों को निशुल्क न्याय प्रदान करता है। इसको जनसाधारण में व्यापक प्रचार करने की आवश्यकता है। बच्चे को संरक्षण के साथ-साथ परवरिश योजना का भी लाभ दिया जा रहा है। अभी कुल 193 बच्चों को प्रतिमाह 1000 रु परवरिश योजना के तहत प्रदान किए जा रहे हैं। भीख मांगने वाले बच्चे बीमार या मानसिक रूप से बीमार बच्चों को विधिक सेवा के द्वारा कई लाभ न्याय प्रदान किए जाते हैं। लैंगिक समानता के संबंध में भी कई न्याय की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चों के साथ ऊंची आवाज में बात नहीं करना, 18 वर्ष से नीचे के बच्चों के हाथ में हथकड़ी नहीं लगाना, उसे जेल नहीं भेजना इत्यादि बातों की विशेष जानकारी सेमिनार में दी गई। बच्चों पर FIR भी नहीं करना है। गौरतलब हो कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सुधारने के लिए कई प्रकार की न्यायिक प्रक्रिया है, जिससे सभी को जानकारी देना अति आवश्यक है।

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