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डॉक्टर ने बता दिया लाईलाज, दृष्टि अब छोड़ चुकी है खाना पीना, पिता ने मदद की लगाई गुहार

एक ओर जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे बुलन्द करने में लगी है। वहीं शेखपुरा जिले के बिहटा गाँव निवासी सुधीर चौधरी की नन्ही परी दृष्टि भारती मौत के करीब खड़ी है। चंद महीने पहले दृष्टि की तबियत अचानक बुखार लग जाने से खराब हो गई थी। पिता सुधीर चौधरी ने उसे एक डॉक्टर के पास भर्ती करवाया, जहाँ ठीक नहीं होने पर डॉक्टर ने उसे बिहारशरीफ रेफर कर दिया। वहाँ भी कुछ दिन रखने के बाद पटना रेफर कर दिया गया। पटना जाने के बाद कई महीने पटना में इलाज हुआ। फिर डॉक्टरों ये कह कर पिता सुधीर चौधरी को अपने घर बिहटा भेज दिया क़ि ये लाईलाज बीमारी है। वहीं डॉक्टरो ने बताया कि इसे कोई बुखार है और इसका इलाज नहीं हो सकता है। परेशान पिता के लाखों रुपये खर्च के बावजूद भी बेटी ठीक नहीं हो पाई है। अब दृष्टि ना कुछ बोल पाती है, और ना कुछ खा पाती है। पिता को जब कुछ नहीं सूझा तो उसने अंततः मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन, विधायक और सांसद से मदद की गुहार लगाई है। ताकि दृष्टि की जान बचाई जा सके। अब ऐसे में देखना यह है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जनप्रतिनिधी और जिला प्रशासन मदद कर पाते हैं या बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा सिर्फ नारा बनकर ही रह जायेगा।

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