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मगही भाषा को मिलेगा सम्मान, औरंगाबाद सांसद ने संसद में की मांग

औरंगाबाद (बिहार) के सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद में मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भारत सरकार का ध्यान आकर्षित किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के माध्यम से सरकार को मगही भाषा के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मगध का इतिहास पूरे भारत का इतिहास है। बिम्बिसार के द्वारा इसका साम्राज्य स्थापित किया गया। इसका क्षेत्र अफगानिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक था। यहाँ विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय था, जहाँ पूरे विश्व के शिक्षार्थी आकर शिक्षा ग्रहण करते थे। चक्रवर्ती सम्राट अशोक मगध के सम्राट थे। गौतम बुद्ध, महावीर और बहुत सारे महामानव ने इस क्षेत्र के बारे में विस्तार से वर्णन किया है। गौरतलब है कि मगही भाषा को सम्मान दिलाने के लिये सांसद काफी प्रयासरत हैं। उनके इस प्रयास से पूरे मगध क्षेत्र में खुशी की लहर है। पूरा मगही समाज इनको अलग अलग माध्यम से बधाई दे रहा है। वहीं मगध विश्वविद्यालय में मगही भाषा की प्रोफेसर डॉ किरण कुमारी शर्मा ने सरकार के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि सरकार के इस प्रयास से मगही भाषा के साथ जो भेदभाव हो रहा था, वो अब कमेगा और इस भाषा का विकास बड़े पैमाने पर होगा। मगही असोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी खुशी जाहिर की है। साथ ही मगही भाषा के विकास के लिए क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों ने खुशी जाहिर की है और सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।

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