ट्रेन परिचालन की बाट जोह रहा है रेलवे स्टेशन,जमीन अधिग्रहण के कारण फंस गया मामला
बरबीघा, शेखपुरा जिले का एक ऐसा शहर है जिसने बिहार को पहला मुख्यमंत्री दिया है। पर यहां के लोग अभी तक रेल सुविधा से वंचित हैं। हालांकि तत्कालीन रेल मंत्री और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुुुमार ने 2002 में शेखपुरा से दनियावां नई रेल परियोजना का आधारशिला रखा। लेकिन 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस रूट में ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो सका। सूत्रों ने कहा कि बरबीघा क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर मामला लटका हुआ है। कुछ किसानों ने हाईकोर्ट में भी रिट दाखिल किया है, जिसके कारण मामला अधर में है।
दूसरी तरफ इस दिशा में स्थानीय जनप्रतिनिधिओं ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण जिला प्रशासन और किसान के बीच मध्यस्थता नहीं हो सका। गौरतलब है कि जमीन विवाद का मामला कोर्ट में होने के कारण वर्षों से रेलवे लाइन बिछाने का कार्य अधर में है। ट्रेन का परिचालन होने से बरबीघा के निवासियों को आर्थिक और व्यापारिक के साथ अनेकों तरह के फायदे होंगे। बाबजूद इसके महज निजी स्वार्थ के कारण यहाँ के लोगों ने ही इसके निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न कर रखा है। यहां के जनप्रतिनिधियों को इस बात की चिंता ही नहीं है। वहीं प्रखण्ड में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन सिरसा(सर्वा) जमालपुर उद्घाटन के बाद भी ट्रेन के परिचालन की बाट जोह रहा है। मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय द्वारा सिरसा जमालपुर स्टेशन तक ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की इजाजत दे दी है, लेकिन कोबिड-19 के कारण सिरसा जमालपुर तक ट्रेन नहीं पहुंच सकी है। ये रेलवे स्टेशन अभी भी ट्रेन के आने की राह देख रहा है।