जरा हट केराजनीतिशेखपुरा

विधानसभा चुनाव में भूमिहार जाति पर प्रत्याशियों और दलों की है निगाहें, इस होड़ में सभी अपने चेहरे को चमकाने में है व्यस्त

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भूमिहार जाति एक केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। लगभग सभी राजनीतिक दल भूमिहारों के सबसे बड़ा हितैसी बनने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। संभावित उम्मीदवारों ने भी चुनाव का शंखनाद भूमिहार गांव से ही किया है। साथ ही स्वर्गीय राजो बाबू के पुण्यतिथि पर सभी लोगों में आपा-धापी भी देखी गई और होनी भी चाहिए। चुनाव और राजनीति में सब जायज है। कई ऐसे चेहरे भी हैं जिन्होंने स्व राजो बाबू के खिलाफ आवाज उठा कर राजनीति में अपना बजूद कायम किया, वे भी कल माल्यार्पण करने पहुंचे थे। जो राजनीतिक दल उच्च जाति के हित मे आर्थिक पिछड़ेपन के 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध सड़क से लेकर सदन तक किए, वह भी आज भूमिहार जाति के सबसे हितैषी और शुभचिंतक बनना चाह रहे हैं। यही तो राजनीति और चुनाव की बिडम्बना है। खैर, जाति आधारित चुनाव के इस प्लेटफार्म पर भूमिहार जाति का महत्व तो बढा। इतना तो तय है कि इस विधानसभा चुनाव में भूमिहार जाति को केंद्र बनाकर महागठबंधन से जुड़े दल और ताल ठोकने बाले या अन्य प्रत्याशी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। चलिए थोड़ा इंतजार और करिए अभी और परिदृश्य बदलने बाला है, देखिए आगे होता है क्या?

Back to top button
error: Content is protected !!