कोरोना जाँच कराने में अब आम आदमी नहीं ले रहे हैं दिलचस्पी, हो सकता है घातक
शेखपुरा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा बृद्धि के बाद अचानक अब उनकी संख्या लगभग शून्य हो गई है। इसकी पड़ताल में मगही न्यूज को सूत्रों से जानकारी मिली कि अब आम आदमी कोरोना की जांच कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है।
पहले बरबीघा प्रखंड में रोजाना 400 से 600 लोग अपनी जांच करवा रहे थे, वहीं अब ये आंकड़ा 20 से 50 तक सिमट के रह गया है।
हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी के शरीर ने कोरोना से लड़ने के लिये जरूरी इम्युनिटी सिस्टम बनाना शुरू कर दिया है। पर जबतक आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो जाती, ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि कोरोना का प्रभाव कम हो गया है। कोरोना के प्रति लोगों की उदासीनता कभी भी घातक सिद्ध हो सकती है। ऐसे में जरूरत है लोगों को आगे आकर अपनी जांच करवाने का। क्योंकि जितना अधिक जांच होगा उतना ही कोरोना का सामुदायिक खतरा कम होगा।
इस सम्बंध में हमने बरबीघा अस्पताल के प्रशासनिक प्रभारी डॉ फैसल अरशद से बात की तो उन्होंने कहा कि ये सही है लोग अब कोरोना की जांच करवाने काफी कम संख्या में आ रहे हैं। हमारे पास सारे संसाधन मौजूद हैं। फिर भी जांच करवाने वालों की संख्या बिल्कुल कम है। बरबीघा रेफरल अस्पताल में हर दिन 12 बजे से जांच प्रारम्भ है।
इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि पॉजिटिव मरीजों और उसके परिवार वालों के प्रति हमारे समाज का व्यवहार बदल जाता है। लोग उससे दूर भागने लगने लगते हैं। समाज उन्हें हेय की दृष्टि से देखने लगते हैं। ठीक होने के बाद भी लोग उनसे मिलने से कतराते हैं। जिससे उन्हें काफी तकलीफ होती है। जबकि जरूरत है ऐसे लोगों को समाज मदद करे, उनका हौसला बढ़ाये। एक खास दूरी से ही सही उनके साथ रहे उनका साथ दे। हम साथ मिलकर ही कोरोना से जंग जीत सकते हैं। हमें हमारी मानसिकता बदलनी होगी।