कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान पत्थर को पानी बना सकता है, यह चरितार्थ कर दिखाया शेखपुरा की पायल ने
केरल राज्य के कोच्चि स्थित महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी में सम्पन्न स्नातक की परीक्षा में पायल 85 प्रतिशत अंक ला कर पूरे विश्वविद्यालय की टॉपर छात्रा बन गई। पायल की कहानी किसी ट्रेजडी से कम नहीं है। शेखपुरा जिले के गोसायमढी गांव की पायल के पिता प्रमोद कुमार परिवार को छोड़कर रोजी के लिए पलायन कर केरल के एर्नाकुलम पहुंच गए। पायल उस समय मात्र 4 साल की थी। फिर कुछ सालों बाद उनका परिवार भी आ गया, पायल उस वक़्त शेखपुरा में क्लास 8 की छात्रा थी। प्रमोद यहां अपनी पत्नी बिंदु देवी और अपने बेटे आकाश और बेटियां पायल और पल्लवी के साथ एक किराए के मकान में रहकर पेंट की दुकान में काम कर परिवार चलाने लगे। उनका एक ही सपना था, अपने बच्चों को खूब पढ़ाने का ताकि उनकी जिंदगी अपने पिता से बेहतर हो सके। उनका यह सपना पायल ने सच कर दिखाया। पायल ने वहां क्लास 9 में एडमिशन लेकर अपना सफर शुरू किया। मेहनत और लगन से पढ़ाई की। मैट्रिक 85% नम्बर के साथ, इंटर 95% नम्बर के साथ और वर्ष 2020 में कोच्चि स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के मर्थोमा कॉलेज से स्नातक की परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक ला कर पूरे विश्वविद्यालय की टॉप स्टूडेंट हुई। यह खबर केरल के सभी मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। पल्लवी की कहानी ने यह साबित कर दिया कि लग्न और इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य पाने में दिक्कत नहीं होती है। पायल ने बिहार सहित शेखपुरा जिले का नाम रौशन किया है। मगही न्यूज की ओर से पायल और उनके माता पिता को भी सैल्यूट है।