West Bengal: पुजारी के बेटे की निर्मम हत्या, अमित मालवीय का ममता पर बड़ा हमला
पश्चिम बंगाल: पुजारी के बेटे की निर्मम हत्या, अमित मालवीय का ममता पर बड़ा हमला- 'TMC राज में हिंदू सुरक्षित नहीं'
est Son Murder: पश्चिम बंगाल में दिवाली और काली पूजा के उत्सव के ठीक बाद, राज्य के उत्तरी दिनाजपुर (North Dinajpur) जिले से एक जघन्य अपराध ने सनसनी फैला दी है। यहां एक स्थानीय पुजारी के बेटे की बेरहमी से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने तुरंत एक बड़ा राजनीतिक मोड़ ले लिया है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस हत्या को लेकर सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उनकी सरकार की कानून-व्यवस्था पर तीखा हमला बोला है।
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख, अमित मालवीय (Amit Malviya), ने इस घटना को पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की असुरक्षा से जोड़ते हुए टीएमसी (TMC) सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान सुजीत सूत्रधर (Sujit Sutradhar) के रूप में हुई है, जो उत्तरी दिनाजपुर के एक स्थानीय पुजारी सुधीर सूत्रधर (Sudhir Sutradhar) के बेटे थे। दिवाली के त्योहार के माहौल के बीच सुजीत की गला घोंटकर हत्या कर दी गई और उनके शव को फेंक दिया गया। इस जघन्य हत्याकांड के सामने आते ही स्थानीय समुदाय में आक्रोश और भय का माहौल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने राज्य में त्योहारों के दौरान होने वाले अपराधों और राजनीतिक हिंसा की बहस को फिर से जिंदा कर दिया है।
अमित मालवीय का ममता सरकार पर तीखा हमला
बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस खबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के शासन में हिंदू और उनके त्योहार सुरक्षित नहीं हैं।
अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा, “ममता बनर्जी के राज में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “उत्तरी दिनाजपुर में, काली पूजा के तुरंत बाद एक पुजारी सुधीर सूत्रधर के बेटे सुजीत सूत्रधर की गला घोंटकर हत्या कर दी गई।”
जांच को दबाने’ का लगाया आरोप
अमित मालवीय ने न केवल हत्या पर सवाल उठाए, बल्कि पश्चिम बंगाल पुलिस की मंशा पर भी संदेह व्यक्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के दबाव में पुलिस इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करेगी।
उन्होंने आगे लिखा, “हमेशा की तरह, पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले को किसी ‘निजी दुश्मनी’ या ‘आपसी रंजिश’ का मामूली मामला बताकर दबा देगी।” मालवीय का यह बयान स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि बीजेपी इस हत्या को एक सुनियोजित सांप्रदायिक अपराध के तौर पर देख रही है और इसे चुनाव के पहले एक बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इस हत्या ने बीजेपी को टीएमसी के ‘तुष्टीकरण’ और ‘बिगड़ती कानून-व्यवस्था’ के आरोपों को और मजबूती से उठाने का एक और मौका दे दिया है।




