
Patna: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाया हुआ है। संकट की इस घड़ी में गरीबों की थाली सूनी ना रहे, इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार ने राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज बांटने का निर्णय लिया है। लेकिन ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट से पता चलता है कि मुफ्त अनाज तो छोड़िए कइयों के पास मुफ्त में बनने वाला राशन कार्ड भी नहीं है। और ये किसी गांव की नहीं राजधानी पटना के वार्ड 21 की हकीकत है। जी राजधानी के नगर निगम क्षेत्र का नूतन वार्ड संख्या 21… इस इलाके के गरीब लाचार निवासी राम बाबू प्रसाद राशन कार्ड बनाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।
वार्ड की महिला पार्षद पिंकी देवी की मानें तो उन्होंने लॉकडाउन के पहले फेज से लेकर अभी तक कई बार अपने संबंधित पदाधिकारी को कहा। एसडीओ साहेब से विनती की, जिला पदाधिकारी को फोन किया, मगर किसी ने इनकी एक न सुनी। वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने यहां तक कहा कि महिला होने के कारण इनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। नगर निगम के मेयर से इनकी नहीं बनती। मेयर पुत्र के खिलाफ सच बोलने का खामियाजा राशन कार्ड के रूप में झेलना पड़ रहा है। जिससे इनके इलाके के सैकड़ों गरीब लाचार लोगों को सरकार के मुफ्त अनाज से बंचित होना पड़ रहा है। जनाव ये तो महज चावल का एक दाना है। सोचिये पूरे 74 वार्ड की हकीकत क्या होगी। ऐसे न जाने कितने लोग हैं जिन्हे राशन कार्ड नहीं होने के कारण सरकार के अनाज से बंचित रहकर भूखे जिंदगी काटने पर विवश होना पड़ता होगा। हालांकि महिला वार्ड पार्षद ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन खत्म होते ही उन अधिकारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?