
Sheikhpura: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह सपना है कि बिहार के युवा दक्ष और कुशल हों। वे किसी भी क्षेत्र में अपनी कुशलता को साबित करें। साथ ही उनमें इतना कौशल हो कि उन्हें रोजगार के लिए चक्कर न लगाना पड़े। कुशल युवा कार्यक्रम के माध्यम से उनका यह सपना जमीन पर फलीभूत भी हो रहा है। उक्त बातें भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि पहले बिहार में मात्र साढ़े चार लाख बच्चे मैट्रिक की परीक्षा पास करते थे। मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए प्रयास से आज 16 लाख बच्चे मैट्रिक की परीक्षा पास कर रहे हैं। इनमें से आधी आबादी बच्चियों की है। बच्चियों को विकास के लिए कई तरह के योजनाएं चलाई जाती हैं। प्रदेश में 22 हजार प्राथमिक विद्यालय बनाए गए। बच्चियों के लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना जैसे स्कीम के साथ-साथ मैट्रिक और इंटर के साथ-साथ स्नातक करने पर बच्चियों को प्रोत्साहन राशि देने से बच्चियों का हौसला बढ़ा। अब बिहार में छात्राएं आगे बढ़ रही है। साथ भी उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में बिहार एक बार फिर विक्रमशिला और नालंदा विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को स्थापित करेगा और यहां के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ेंगे।
दरअसल भवन निर्माण मंत्री शुक्रवार को अपने कर्मक्षेत्र बरबीघा पहुंचे। जहां उन्होंने नगर परिषद क्षेत्र स्थित श्री कृष्ण आईटीआई के सभागार में मुख्यमंत्री कौशल विकास केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। भवन निर्माण मंत्री ने सात निश्चय योजना अंतर्गत संचालित मुहिम फाउंडेशन कुशल युवा कार्यक्रम में सफल विद्यार्थियों के बीच प्रमाण पत्र का भी वितरण किया गया। संस्था के सचिव अरुण साथी एवं राजेश कुमार राजू ने माननीय मंत्री का मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।जिसके बाद कैबिनेट मंत्री के द्वारा बरबीघा रेफरल अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया गया। अस्पताल में प्रभारी डॉ फैजल अरशद एवं अन्य चिकित्सकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। मंत्री जी के द्वारा अस्पताल परिसर में पौधा रोपण किया गया। इस मौके पर नगर परिषद के पूर्व सभापति रोशन कुमार, वर्तमान नगर मुख्य पार्षद सोनू कुमार, नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार, साईं कॉलेज के अध्यक्ष अंजेश कुमार, हथियावाँ पंचायत मुखिया प्रतिनिधि साकेत कुमार, प्रभात कुमार मुन्ना, इंद्रमोहन कुमार टुन्ना भी मौजूद रहे।