
Sheikhpura: बिहार में बीजेपी एवं जद यू का गठबंधन टूटने के बाद से ही दोनों पार्टी के नेताओं के बीच बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है। उनके बीच छिड़ा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बुधवार को एक बार फिर से बीजेपी के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह व जद यू से बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार आमने-सामने आ गए हैं। श्रवण कुमार ने जहाँ बिहार को आवास योजना की राशि नहीं मिलने का आरोप लगाया। तो वहीं गिरिराज सिंह ने भी उनके आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
बता दें कि बुधवार की दोपहर जहां जद यू पार्टी मुख्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार बिहार की जनता के लिए समर्पित है और सदैव ही जनहित के लिए ही हम प्रतिबद्ध रहते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जबसे गिरिराज सिंह को केंद्र में ग्रामीण विकास मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तबसे केंद्र सरकार द्वारा बिहार को आवास योजना का लक्ष्य मिलना बंद हो गया है। इस मामले में हमने दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात किया। कई बार पत्र के माध्यम से उन्हें उक्त समस्याओं से अवगत भी कराया परन्तु हमारे सभी प्रयास विफल रहे।
इसके बाद शाम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से भी एक बयान जारी किया गया। जिसमें उन्होंने उल्टा बिहार सरकार पर ही आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों के लिए बिहार को 53 लाख घर दिए। लेकिन नीतीश बाबू अपनी अकर्मण्य सरकार के चलते गरीबों को 145000 घर नहीं दिला पाए। नीतीश बाबू को इन डेढ़ लाख गरीब परिवारों की बद्दुआ लगेगी। यूपीए सरकार ने मनरेगा के तहत बिहार को 9500 करोड़ रुपये और मोदी सरकार ने 31000 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने बिहार के मंत्री को चैलेंज देते हुए कहा कि एक टेबल पर कागजात के साथ बहस करें। बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश बन्द कर दें।
अब दोनों के आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो वक़्त ही बताएगा। आने वाले चुनाव में जनता किसपर भरोसा कर उन्हें सपोर्ट करती है ये भी देखने वाली बात होगी। बहरहाल मामला जो भी हो, इन सब मामलों में पिस तो बिहार की जनता ही रही है।