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मोहम्मद युनूस को बिहार का प्रथम प्रधानमंत्री बताना ’बिहार केसरी’ श्रीकृष्ण सिंह का अपमान: भीम सिंह

Patna: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भीम सिंह ने शुक्रवार को बिहार सरकार खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मोहम्मद युनूस को बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री बताते हुए उनके जन्म दिवस पर राजकीय जयंती समरोह मनाए जाने को ’बिहार केसरी’ श्री कृष्ण सिंह का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत इतिहास के साथ छेडछाड की जा रही है। उन्होंने साफ शब्दों में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि सरकार इतिहास के साथ छेडछाड कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले प्रांतों के मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री ही कहा जाता था।उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि इतिहास में मोहम्मद युनूस का जो रोल रहा है उसे राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल बताया गया है, तो क्या ऐसे व्यक्ति का राजकीय समारोह मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक इतिहास में यही पढ़ाया जाता रहा है कि बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह जी बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री थे। अब नीतीश सरकार नई बात करनी प्रारंभ कर दी है। श्रीकृष्ण सिंह को प्रथम प्रधानमंत्री नहीं मानकर किसी अन्य को प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित करना इतिहास के साथ छेडछाड है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह श्रीकृष्ण सिंह का अपमान है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सरकार ने तथ्यों के साथ छेडछाड की है। उन्होंने बिहार विधानसभा द्वारा प्रकाशित और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राधा नंदन झा द्वारा लिखित पुस्तक सहित कई पुस्तकों दिखाते हुए कहा कि इस पुस्तक को पढ लें, सब कुछ सप्ष्ट हो जाएगा।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि भाजपा जानना चाहती है कि इन तथ्यों को क्यों तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण और वोट के लिए इस हद तक गिरना यह श्री कृष्ण सिंह जी का अपमान है और राष्ट्रीय आंदोलन का अपमान है।

उन्होंने इतिहास की चर्चा करते हुए बताया कि 1937 में चुनाव हुआ था उसमें राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस को बिहार में बहुमत आया। कांग्रेस ने उस समय ब्रिटिश सरकार के समक्ष कुछ शर्ते रखते हुए स्पष्टीकरण मांगी, तभी सरकार में शामिल होने की बात की। शर्ते नहीं मानने पर कांग्रेस ने किसी राज्य में सरकार नहीं बनाई। उसी दौरान अंग्रेजों ने मुस्लिम समुदाय के नेता युनूस केा फूट डालो नीति के तहत शपथ दिलवा दी। यही कारण है कि कभी उनकी मानयता नहीं दी गई। इस दौरान आंदोलन भी हुए आौर जेपी भी जेल गए। खुद को आज जे पी का चेला मानने वाले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद युनुस की जयंती पर राजकीय समारोह आयोजित कर रहे। उन्होंने कहा कि युनूस को खुद बिहार सरकार भी अब तक प्रधानमंत्री नहीं मानती रही है। पहली बार ऐसा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि 21 जून 1937 को फिर स्ष्टीकरण दिया गया तब 20 जुलाई को श्रीकृष्ण सिंह ने शपथ ली।

उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत वोटों के लिए इस तरह गिर गई है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है। राष्ट्रीय आंदोलन की मुख्यधारा से कटे लोगों को प्रतिष्ठित कर रही है। उन्होंने सरकार से युनूस की जयंती पर राजकीय समारोह बंद करने की बात कही है। पहले से जारी प्रक्रिया जिसमें श्री कृष्ण सिंह को प्रथम प्रधानमंत्री माना गया है, उसे जारी रखने की बात कही। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर अजफर शमशी, प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी मनन कृष्ण उपस्थित थे।

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