अपराधशेखपुरा

दोस्त को दिखाने लाया था हथियार, खेल-खेल में चल गई गोली और हो गई उसी की मौत, जानें पूरी कहानी

अमन उसके पास गया और पिस्टल देखने के लिए माँगा। जैसे ही हथियार हाथ में लिया तो फायर हो गया और गोली जाकर विपुल कुमार के पेट में लग गयी।

Sheikhpura: जिले के कोरमा थाना क्षेत्र के कोरमा गांव में बीते 19 मार्च को गोली मारकर हुई नाबालिग युवक की हत्या मामले का उद्भेदन हो गया। कोरमा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने महज चंद दिनों में ही इस हत्याकांड में शामिल दो नाबालिग युवकों को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। साथ ही हत्या में इस्तेमाल होने वाला पिस्टल भी पुलिस ने बरामद कर लिया। इसको लेकर पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है।

जिसमें पुलिस कप्तान ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए कोरमा पुलिस के द्वारा कोरमा गांव निवासी दो नाबालिग युवकों को अभिरक्षा में लिया गया है। पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात कुबूल किया है। सोमवार की रात्रि में हुई इस कार्रवाई में उनकी निशानदेही पर पुलिस ने बालू में छिपाकर रखा गया पिस्टल व 4 जिंदा कारतूस भी बरामद किया है। दोनों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि 19 मार्च को हुए इस हत्याकांड को लेकर मृतक विपुल कुमार उर्फ कारू उर्फ कैप्सूल की माँ वंदना देवी के द्वारा गांव के ही सन्नी कुमार एवं उसके पिता रामाशंकर सिंह को आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि केस के अनुसंधान के क्रम में कुछ और ही कहानी सामने आई है। दरअसल अनुसंधान के दौरान कोरमा थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली कि गांव के बीरेंद्र महतो के पुत्र ब्रजेश कुमार उर्फ बाजो एवं अमृत मांझी के पुत्र अमन कुमार को पाँच दिन पहले हथियार के साथ देखा गया है। संभावना व्यक्त किया गया कि यह वही हथियार है, जिससे विपुल कुमार उर्फ कारू उर्फ कैप्सूल को गोली मारी गई है।

सूचना प्राप्त होने के पश्चात कोरमा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुये ब्रजेश कुमार उर्फ बाजो के घर की तलाशी ली। जिसमें घर के कट्टु रखने वाले कमरे से ब्रजेश कुमार छिपा मिला। पुलिस ने जब उससे पूछ-ताछ की तो पहले उसने इन बातों से इंकार किया। परन्तु थोड़ी सख्ती दिखाते ही वह टूट गया और उसने पूरी बात बताते हुए अमन कुमार के घर में हथियार छुपाने की बात बताई। जिसके बाद पुलिस ने अमन कुमार के घर में चौकी के नीचे छुपे अमन को भी ढूंढ लिया।

पूछ-ताछ करने पर अमन ने भी चुप्पी साध ली। जब उसे पता चला कि ब्रजेश कुमार ने सब बता दिया है। तो उसने भी इस बात को स्वीकार कर लिया। दोनों ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन वे दोनों पानी पटाने के लिए गये थे। पीछे से मृतक विपुल कुमार भी आ गया और बोला अपना पिस्टल दिखाने लगा। उसने अमन की ओर तानकर बोला कि मार दें, मार दें। इतने में अमन उसके पास गया और पिस्टल देखने के लिए माँगा। जैसे ही हथियार हाथ में लिया तो फायर हो गया और गोली जाकर विपुल कुमार के पेट में लग गयी।

जिसके बाद अमन ने विपुल के ही मोबाइल से सन्नी सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी और दोनों कंधे पर लादकर उसे सन्नी सिंह के घर के पास ले गये। जहाँ से उसे बोलेरो में लादकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर रामाशंकर सिंह के नए वाले घर के पास बालू में पॉलीथिन के अंदर छिपाकर रखे गए पिस्टल एवं 4 जिंदा कारतूस भी बरामद कर लिया।

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