
कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर से पूरे देश में एक बार फिर से आर्थिक संकट का दौर शुरू गया है। बिहार की स्थिति तो कुछ ज्यादा ही खराब है, इस महामारी से हर कोई परेशान है। प्रदेश में लगे लॉकडाउन की वजह से बाजार पूरी तरह बन्द है। जिसके कारण रोजमर्रा का कार्य करने वाले मजदूरों के साथ ही किसानों के पास भी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। शेखपुरा जिले के शेखोपुरसराय प्रखंड की अधिकांश आबादी खेती पर ही आश्रित है। यहां के निमी गांव में लालमी, ककड़ी आदि की अच्छी पैदावार होती है। किसानों की कड़ी मेहनत से इस बार भी फसल अच्छी हुई है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसके खरीददार नहीं मिल रहे हैं। फसल की बर्बादी से बचने के लिये किसान औने-पौने दामों में इसे बेचने को मजबूर हो गए हैं।
गांव के बबलू सिंह, संजय सिंह, मनी सिंह, रौशन कुमार सहित अन्य किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि पहले बाहर से भारी संख्या में थोक खरीददार आते थे, जिससे हमलोगों को अच्छी आमदनी हो जाती थी। पर लगातार दो सालों से हमारी सारी मेहनत बेकार हो रही है। मेहनत का दाम तो दूर की बात है, पूंजी भी ठीक से बापस नही आ रहा है। पके फलों और सब्जियों के रख-रखाव के लिए इस प्रखण्ड में कोई उचित व्यवस्था नहीं होने से औने-पौने दामों में बेचना भी इनकी मजबूरी बन गई है। ऐसे में इन किसानों ने सरकार और प्रशासन से इस समस्या के समाधान के लिये कोई ठोस उपाय निकालने की गुजारिश की है।