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जिले में टीबी के संदेहास्पद मरीजों की नहीं हो रही जांच, महीनों से बन्द पड़ी है truenet व Cbnaat मशीनें

Sheikhpura: एक तरफ जहां सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट की तरह बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है। शेखपुरा जिले के अस्पतालों में मशीन की खराबी के कारण टीबी के संदेहास्पद मरीजों की जांच में स्वास्थ्य कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इससे नियमित मरीजों के इलाज में कोई बाधा नहीं हो रही है।

दरअसल टीबी के जांच की सुविधा जिले के 6 अस्पतालों में उपलब्ध है। जिसमें सदर अस्पताल के अलावे बरबीघा रेफरल अस्पताल, शेखोपुरसराय एवं चेवाड़ा PHC व अरियरी CHC शामिल है। जहां माइक्रोस्कोप से टीबी का जांच किया जाता है। वहीं सदर अस्पताल, बरबीघा रेफरल एवं अरियरी सीएचसी में टीबी जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगी हैं, जो महीनों से बन्द पड़ी है। जिसके कारण इस बीमारी के संदेहास्पद मरीजों को ढूंढने में काफी मशक्कत करना पड़ रहा है।

टीबी जांच में जुटे स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि समान्यतः टीवी मरीजों के बलगम की जांच माइक्रोस्कोप से ही होती है। परन्तु कुछ ऐसे भी मरीज मिलते हैं, जिनमें बीमारी का पूरा लक्षण पाया जाता है। परन्तु माइक्रोस्कोप से जांच करने पर रिपोर्ट निगेटिव आता है। वैसे संदेहास्पद मरीजों के जांच में भारी परेशानी हो रही है।

इस संबन्ध में विभागीय जानकारी के मुताबिक बरबीघा रेफरल अस्पताल एवं अरियरी सीएचसी में trunet मशीन से टीबी के संदेहास्पद मरीजों की जांच हो रही थी। परन्तु इस मशीन का चिप्स उपलब्ध नहीं होने के कारण यह अगस्त 2022 से बन्द पड़ा है। वहीं सदर अस्पताल में मौजूद Cbnaat मशीन भी तकनीकी खराबी के कारण करीब एक महीने से बन्द पड़ा है। जिसके कारण यह परेशानी उत्पन्न हो रही है।

पता चला है कि इन मशीनों की सप्लाई केंद्र सरकार की ओर से की जा रही थी। उसका मेंटेनेंस भी केंद्र सरकार के द्वारा निबंधित कम्पनी ही कर रही थी। कम्पनी का एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट अगस्त 2022 में ही खत्म हो गया है। जिसके कारण truenet मशीन के चिप्स की सप्लाई बंद है। वहीं सदर अस्पताल में लगी Cbnaat मशीन ने भी मेंटेनेंस के अभाव के कारण काम करना बंद कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक महीने पहले तक जरूरत पड़ने पर संदेहास्पद मरीजों के बलगम का सैंपल सदर अस्पताल भेज दिया जाता था। जहां Cbnaat मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध थी। परन्तु बिगत एक महीने से सदर अस्पताल की Cbnaat मशीन के खराब होने के कारण सैंपल वहां भी नहीं भेजा जा रहा है। ऐसे में इस बीमारी को खत्म करने के अभियान पर भी असर पड़ रहा है।

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