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ट्रेन से विदेशी शराब की सप्लाई करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़, जानें कैसे होती है तस्करी

Sheikhpura: पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले में शराब तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस अपनी कार्रवाई कर तस्करों का जुगाड़ फेल करती हैं। तभी शराब तस्कर एक नया जुगाड़ ढूंढ लेते हैं। अब यहां ट्रेन से शराब की तस्करी शुरू हो गई है। पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर कुसुंभा ओपी पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कुसुम्भा हाल्ट से दो युवकों को विदेशी शराब के साथ धर-दबोचा।

इस बाबत जानकारी देते हुए पुलिस कप्तान ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि लक्खीसराय की ओर से ट्रेन पर सवार होकर कुछ युवक विदेशी शराब की डिलीवरी देने आ रहे हैं। इस सूचना के बाद कुसुंभा ओपी पुलिस को वहां भेजा गया। इसी दरम्यान हाथ मे झोला लिए दो युवक पुलिस को देखकर भागने लगा। मुस्तैद पुलिस के जवानों ने दोनों को पकड़कर अपने कब्जे में ले लिया। जिनकी की पहचान नवादा जिले के अफसढ़ गांव निवासी स्व बृजनंदन सिंह के पुत्र रौशन कुमार एवं रूपौह थाना धनमा निवासी रविंद्र सिंह के पुत्र धीरज कुमार के रूप में हुई है। तलाशी के क्रम में उनके पास से इम्पेरियल ब्लू, सिग्नेचर एवं ब्लेंडर प्राइड ब्रांड का कुल 29 बोतल शराब बरामद हुआ। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है।

कैसे होती है ट्रेन से शराब की तस्करी
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस धंधे में संलिप्त युवा ट्रेन से शराब की खेप लाते हैं और छोटे-छोटे हाल्ट पर डिलीवर कर देते हैं। इस जुगाड़ में भेद खुल जाने के डर से छोटा स्टॉक लाया जाता है, ताकि किसी को शक न हो। शराब तस्करी में शामिल दर्जनों युवक ट्रेन की कई बोगियों में सवार होते हैं। सभी के पास तीन से पांच कार्टून शराब होता है। सभी अलग-अलग हाल्ट पर शराब डिलीवर कर फिर से झारखंड व पश्चिम बंगाल की ओर निकल जाते हैं। ऐसे में अगर एक पकड़ा भी गया तो दूसरे बोगी में सवार तस्कर चौकन्ना होकर वहां से निकल जाते हैं। मोटी कमाई और अय्याशी के चक्कर में ऐसे युवाओं की आधी जिंदगी फिलहाल ट्रेन पर ही गुजर रही है।

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