खेती-बाड़ीजन-समस्याशेखपुरा

बीज वितरण में अनियमितता पर फूटा किसानों का गुस्सा, कहा- जब नहीं देना है बीज तो साफ मना कर दें जितना का बीज मिलेगा उससे ज्यादा तो आने-जाने का किराया में खर्च हो जाएगा

Sheikhpura: रबी फसल की बुआई का समय आ गया है। खेतों में समय से बीज एवं खाद डालने के लिए सभी किसान जी-तोड़ कोशिश में लगे हैं। सरकार के द्वारा भी किसानों को बीज एवं खाद मुहैया कराया जा रहा है। गेंहू, मसूर एवं चना का बीज वितरित किया जा रहा है। इसको लेकर बरबीघा के ई.किसान भवन में भी किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है। परन्तु यहां अधिकारियों एवं कर्मियों की मनमानी एवं अनियमितता के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तीन-चार दिन से लगातार लाइन में लगने के बाद भी किसानों को बीज नहीं मिल पा रहा है। लगातार हो रही परेशानियों के बाद आज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा।

दरअसल आज पांक, कुटॉत, मालदह एवं केंवटी पंचायत के किसानों को बीज वितरण का समय निर्धारित था। इसको लेकर सैकड़ों महिला एवं पुरुष किसान सुबह से ही ई किसान भवन में पहुंचे। परन्तु बीज वितरण करने वाले डीलर के नहीं आने के कारण वितरण नहीं हो सका। प्रखंड कृषि पदाधिकारी छुट्टी पर थे, हालात को देखते हुए कृषि समन्वयक भी काम का बहाना बनाकर वहां से निकल लिए। 12 बजने के बाद भी जब वितरण शुरू नहीं हुआ तो नाराज किसानों ने ई.किसान भवन में जमकर हंगामा किया। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर मनमानी एवं बीज की कालाबाजारी का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हमलोगों तीन-चार दिन से लगातार घुमाया जा रहा है। कभी ओटीपी का बहाना तो कभी कुछ और बहाना बनाकर टाल-मटोल किया जा रहा है। कृषि अधिकारी मुंह देखकर कार्य कर रहे हैं। पैरबीकारों को तुरन्त बीज दिया जा रहा है। किसानों ने कहा कि जब नहीं देना है तो साफ मना कर दें। रोज-रोज बुलाकर बापस भेज देते हैं। जितना का बीज मिलेगा उससे ज्यादा तो आने-जाने का किराया में खर्च हो जाएगा।

वहीं इस संबन्ध में जब किसान सलाहकार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डीलर ही नहीं आये तो हम क्या करें। बीज रहेगा तभी न वितरण करेंगे। क्या कर सकते हैं। थक-हारकर किसानों ने बापस घर जाने में ही अपनी भलाई समझी। अब ऐसे हालात में कृषि विभाग की व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। खरीफ फसल में प्रकृति की मार झेल रहे किसानों को अब ऐसी परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ रहा है। परन्तु अन्नदाताओं की इस व्यथा को सुनने वाला भी कोई नहीं है।

Back to top button
error: Content is protected !!