Sheikhpura: कहते हैं! बिना सोचे-समझे आपका एक गलत कदम आपके पूरे परिवार के लिए मुसीबत बन सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है इस परिवार के साथ, जब मां-बाप के जुर्म की सजा उनके बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। हत्या जैसे संगीन जुर्म में माता-पिता की गिरफ्तारी के बाद उसके चार बच्चे बिल्कुल बेसहारा हो गए। अब न उनके पास घर है और न ही परिवार। बच्चों के ननिहाल में या फिर घर में दूर-दूर तक कोई रिश्तेदार नहीं बचा है। ऐसे में नाबालिग बच्चों के सामने बड़ी विकट स्थिति आ गई है। अब जाएं तो जाएं कहाँ।
दरअसल बिगत 24 मई की सुबह शेखोपुरसराय थाना क्षेत्र के पांची गांव में सर कुचलकर पटना निवासी चंदशेखर की हत्या के जुर्म में इसी गांव के संतोष स्वर्णकार एवं उसकी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। संतोष बिगत कई सालों से पटना में किराये के मकान में रह कर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। गुस्से में आकर बिना सोचे-समझे वो हत्या जैसा संगीन जुर्म कर बैठा। पुलिस के मुताबिक इस पूरे कांड में अपनी पत्नी रेखा ने उसकी मदद की। नतीजा ये हुआ कि पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
अब घर में उसके बच्चों का भरण-पोषण करने वाला भी कोई नहीं बचा है। 15 वर्षीय मंजू कुमारी, 13 वर्षीय संजू कुमारी, 12 वर्ष की रानी कुमारी और 10 वर्षीय नीतीश कुमार के पास गांव में रहने को छत भी नहीं है। गिरफ्तारी के बाद दिनभर भूखे-प्यासे बच्चों को थाने के पुलिस कर्मियों ने ही खाना खिलाया। बच्चे पुलिस कर्मियों से दिन भर कम से कम माँ को छोड़ देने की गुहार लगाते रहे। बच्चे सिर्फ एक ही बात का रट लगाए जा रहे थे, गलती पापा ने किया है मम्मी को छोड़ दीजिए।
इस घटना ने पुलिस को भी मुश्किल में डाल दिया है। बच्चों को सही हाथ में सौंपने की जिम्मेदारी अब उनके ही हाथों में आ गई है। इसको लेकर पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा ने बताया है कि नवादा जिले के कतरीसराय में रहने वाले इन बच्चों के एक करीबी रिश्तेदार से पुलिस लगातार सम्पर्क में है। जल्द ही बच्चों को सही-सलामत उनको सौंप दिया जाएगा। इतनी महंगाई में अब ये रिश्तेदार चार-चार बच्चों की जिम्मेदारी किस तरह उठा पाएंगे, ये तो वक़्त ही बताएगा। ऐसे में इस बात में कोई संदेह नहीं कि माँ-बाप की गलती की सजा उनके साथ-साथ इन बच्चों को भी भुगतना पड़ेगा। हालांकि इसके सिवा अब और कोई दूसरा उपाय भी तो नहीं है।