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गरीबी की पहचान बने महादलित के बच्चे कोरोना वायरस से बचाव का दे रहे हैं सन्देश,आम और खास लोगों को इनसे सीखने की जरूरत।

शेखपुरा जिले के एफनी पंचायत के एक गांव की तस्वीर सोशल मीडिया पर आ रही है। कपड़े बिना खुला शरीर, हाथ में अनाज से भरा थाली,कोरोना वायरस से वचाव को लेकर मुँह में मास्क लगाए कई सन्देश दे रहे हैं। ऐसे कुछ लोग इनकी गरीबी की बखान करेंगे,आमलोग आसानी से समझते हैं, लेकिन जब देश अभी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। सभी लोग इसके लिए अपने अपने तरीके से प्रयास भी कर रहे हैं, कुछ लोग इस बच्चे की तस्वीर पर गरीबी का बखान करेंगे,यह भी बात सत्य है कि आजादी के बाद से गरीबी उन्मूलन पर अरबों खर्च हुआ लेकिन गरीबी खत्म नहीं हुई। लेकिन जब देश वैश्विक महामारी से जंग लड़ रहा है तो वैसे समय में दूसरी बात करना शायद ठीक नहीं होगा। इस बच्चे की तस्वीर देखकर मैं बिल्कुल अचंभित हूँ,क्योंकि नासमझ होते हुए ये बच्चा कोरोना से बचाव को लेकर मास्क पहने हुए है।उस मास्क में शायद गुणवत्ता का अभाव हो, लेकिन उसकी मंशा साफ है- कोरोना वायरस से बचाव का।

यह बच्चा आम लोगों को भी कोरोना जैसे महामारी से बचाव के लिए मास्क पहनने का संदेश दे रहा है। इस मासूम की गरीबी पर जो भी बड़ी बड़ी बातें लिखकर आलोचना की जाय, लेकिन यह तस्वीर हमें सीख दे रही है और समाज के लोगों को आगाह भी कर रही है कि जब देश पर कोई संकट आए तो मेरी तस्वीर का मज़ाक नहीं बल्कि सकारात्मक संदेश देने की जरूरत है। खैर देखने का नज़रिया अपना अपना है ऐसे इस बच्चे को मगही न्यूज का सैल्यूट है, जिसने कोरोना वायरस से कैसे बचना चाहिए इसकी समझ को दर्शाया है।

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