खेती-बाड़ीजरा हट केशेखपुरा

*रिमझिम बारिश ने किसानों के चेहरे की बढ़ायी रौनक , चार – पांच सालों से किसानों को झेलना पड़ रहा था मौसमी मार*

विगत चार-पांच वर्षों से सूखे की मार झेल रहे स्थानीय किसानों के चेहरे पर विगत कुछ दिनों से हो रही मानसूनी रिमझिम बारिश ने रौनक बढ़ा दी है । आहट और पैन की सफाई के नाम पर सरकारी कार्यों से असंतुष्ट किसानों को मानसूनी बारिश के अलावा अन्य कोई भरोसे लायक साधन नहीं मिल पा रहा था। भूगर्भीय जल के स्तर में भी काफी कमी आ जाने के कारण पानी की किल्लत धान जैसे महत्वपूर्ण फसल की उपज पर ग्रहण लगाएं हुए था ।जिसका परिणाम न केवल किसानों को ही नहीं बल्कि स्थानीय बाजार के दुकानदारों को भी भुगतना पड़ रहा था क्योंकि स्थानीय अर्थव्यवस्था यहां के किसानों की खरीदारी पर ही निर्भर है। लेकिन  मानसून के प्रवेश के साथ ही एक-दो दिन रुक कर हो रही लगातार रिमझिम बारिश ने मौसम को धान रोपा के लिए लगभग अनुकूल बना दिया है तथा इसका लाभ उठाते हुए किसानों ने धान के बिचड़े की बुवाई भी शुरू कर दी है। किसानों की मानें तो परंपरा के अनुसार आद्रा नक्षत्र में धान रोपाई की प्रक्रिया शुरू हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन किसान साथ ही साथ यह भी दुआ करने लगे हैं कि रोपा के बाद भी मॉनसून का सहयोग प्राप्त हो और फसल अच्छी हो सके ।

Back to top button
error: Content is protected !!