धर्म और आस्थाप्रशासनशेखपुरा

जिला मुख्यालय शांति समिति की बैठक में सरस्वती पूजा के लिए जारी हुआ दिशा-निर्देश, जान लें नहीं तो हो सकती है कार्रवाई

शेखपुरा समाहरणालय के मंथन सभा कक्ष में आज आगामी 16 फरवरी को सरस्वती पूजा के अवसर पर जिले में शांति बनाए रखने के लिए शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मैट्रिक परीक्षा को ध्यान में रखते हुए सरस्वती माता की मूर्तियों का विसर्जन 17 फरवरी को सुबह 7 बजे तक करने का निर्देश दिया गया। साथ ही विसर्जन जुलूस में डीजे बजाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इस पूजा को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने एवं विधि व्यवस्था के संधारण के लिए जिलाधिकारी इनायत खान एवं पुलिस अधीक्षक शेखपुरा कार्तिकेय शर्मा के द्वारा संयुक्त आदेश भी जारी किया गया है।
इस अवसर पर शरारती एवं सांप्रदायिक तत्वों के द्वारा घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एवं विधि व्यवस्था संधारण के लिए जिला प्रशासन के द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है। विधि व्यवस्था संधारण करने के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को सूचना संग्रह करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत शरारती तत्वों तथा पूजा पंडालों के समीप महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या अभद्र व्यवहार करने वालों पर तत्काल कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। कोई प्रतिमा या पंडाल बिना सक्षम प्राधिकार के अनुमति के स्थापित नहीं होगा। जुलूस के मार्ग में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। जुलूस को निकालते समय उसका समय निर्धारित किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि स्थानों पर विधि व्यवस्था संधारण और निगरानी के लिए भी कई निर्देश दिए गए हैं। अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित करते हुए कठोर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है। राज्य में लागू पूर्ण शराब बंदी का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध उत्पाद अधीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।अनुमंडल पुलिस अधिकारी को अवैध अग्नेशास्त्र तथा विस्फोटक पदार्थ की बरामदगी के लिए कई आवश्यक निर्देश दिया गया है।
जिले के 2 दर्जन से अधिक संवेदनशील स्थलों पर स्टैटिक दंडाधिकारी के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा अनुमंडल पदाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक व्यवस्था के प्रभार में रहेंगे। अपर समाहर्ता एवं पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय को सरस्वती पूजा का संपूर्ण प्रभार देकर लगातार भ्रमणशील रहकर विधि व्यवस्था संधारण करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिया गया है।

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