मगहिया दलान मंच के पहिला गीतमाला कार्यक्रम संपन्न भेल, मगही गीत से समां बन्ध गेल
देश-देशांतर मगहिया दलान के 23 वां ऑनलाइन कार्यक्रम गीतमाला-१ कल गुरुवार के सांझ में संपन्न भेल। जेकर संयोजक प्रेमी अनिल आनंद, व्यवस्थापक एवं टेकनिकल संयोजक आचार्य गोपाल हलखिन और कार्यक्रम के संचालक कृष्ण कुमार भट्टा हलन।
ई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखौरी चंद्रशेखर(हाजीपुर),विशिष्ट अतिथि भानु प्रताप सिंह(गाजियाबाद) और अध्यक्ष नरेंद्र सिंह(नवादा) हलखिन।
सम्मेलन में राजकुमार प्रसाद(भागलपुर), अरुण कुमार गौतम(पटना), गोल्डन सिंह(नालंदा) स्वराक्षीस्वरा(खगड़िया), विशाल यादव(दिल्ली) आमंत्रित गायक गण हलखिन। कार्यक्रम के शुरुआत राजकुमार प्रसाद के मधुर गीत से कइल गेल और धन्यवाद ज्ञापन टेक्निकल संयोजक अउ व्यवस्थापक आचार्य गोपाल जी कइलखिन।
ई कार्यक्रम में राजकुमार प्रसाद के
“एक दहशत सगर समायल हे।
सौंसे बगिया झुलस झमायल हे”
प्रेमी अनिल आनंद के
“तुहीं हका संगदिल,
तुहीं हमर मंजिल,
तोरे संग सपना सजवय सजन,
तोरे याद जिनगी बितयवय सजन”
कृष्ण कुमार भट्टा के
“मगहिया हो,,,,,उठल जाहो मगही के बोलिया,,, बचैबा त बचाला मगध के धरोहरिया”
औ अखौरी चंद्रसेखर के
” दूगो रोटी ला पिआ परदेश चल गेल,
हम्मर गओना के सारी पिअर रह गेल।
ललकी किरिनिआ लजाए काहे भोर के,
जाएदs पिआ अब न बइठब अगोर के। ”
गोल्डन सिंह के
” नञ् हम मैथिली नञ् भोजपुरिया हम ही मगहिया’ नरेंद्र सिंह के
“जागी जागी हो गईले भोर”
आचार्य गोपाल जी के
“चमन चहके हे नञ् अखने, सभ्भे चुप्पे जे बइठल हे
दीया भी बुत गेलइ जलके, हवा भी अपने एठल हे”
के अलावे ढेरों गीत से समां बन्ध गेल।