स्पेशल भूमि सर्वेक्षण अभियान के तहत जमीन का कागज होगा अपडेट, भूमि विवाद के मामलों में कमी के आसार
बिहार में भूमि विवाद के मामलों की संख्या बहुत ज्यादा है। आये दिन लगभग हर जगह भूमि विवाद के मामले सामने आते रहते हैं। कभी कभी तो यह विवाद खूनी संघर्ष में बदल जाता है। हालात ये जाता है कि अपने ही अपनों की जान के दुश्मन बन जाते हैं। भूमि विवाद के मामलों में हो रही बेतहाशा बृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके निपटारे का हल ढूंढ निकाला है।
सरकार ने सारी भूमि का सर्वे कराकर उसको कंप्यूटरीकृत करने का प्लान बनाया है। इसके लिये सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शेखपुरा जिले में भी इस कार्य के तहत सर्वे शुरू कर दिया गया है। कल जिले के अरियरी प्रखण्ड के इटहरा गांव में भूमि बन्दोवस्ती बिभाग के अधिकारियों व कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें इसका महत्व समझाया।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए स्पेशल सर्वेक्षण अभियंता सह अमीन रविलाल मेहरा ने बताया कि इस विशेष सर्वेक्षण अभियान के तहत रैयतों के पूर्बजों से चले आ रहे पूरे जमीन का विवरण देना है। उनके सही खाता सही रकवा की जानकारी उपलब्ध कर वो जमीन अभी किसके नाम से है। इस बातों की पूरी जानकारी को कंप्यूटर में लोड किया जाएगा। जिससे आने वाले दिनों में भूमि के चलते विवाद उत्पन्न न हो।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे रैयतों ने अपनी भूमि बेच दी है और किसी कारण बस वो अभी तक सरकारी कागज में अपडेट नहीं हो पाया है, जिसके कारण आये दिन विवाद हो जाते हैं। इस सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सारी प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। अंदेशा है कि इस कार्य के पूर्ण होने के बाद भूमि विवाद के मामलों में भारी कमी आएगी।