टीएमसी ने हुमायूं कबीर को पार्टी से सस्पेंड किया, बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के ऐलान से विवाद
6 दिसंबर को मस्जिद की आधारशिला रखने के ऐलान पर TMC सख्त; सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप।

Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अपने बागी विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाईकार्रवाई चार दिसंबर 2025 को हुई, जब टीएमसी ने उन पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने और बीजेपी की मदद से राजनीति को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद के भरतपुर से विधायक हैं और उन्होंने छह दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने का ऐलान किया था। यह तारीख वही है जब 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी। टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम ने कहा कि कबीर को पहले तीन बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन वे नहीं माने। अब पार्टी का उनसे कोई संबंध नहीं रहेगा। छोटे शहरों और गांवों के लोग जो सांप्रदायिक सद्भाव चाहते हैं, उनके लिए यह फैसला राहत की खबर है। विवाद के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
हुमायूं कबीर का विवादास्पद बयान और बीजेपी पर आरोप
हुमायूं कबीर ने कहा था कि मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाई जाएगी और इसका शिलान्यास छह दिसंबर को होगा। मस्जिद बनने में तीन साल लगेंगे और कई मुस्लिम नेता इसमें शामिल होंगे। टीएमसी ने इसे सांप्रदायिक राजनीति बताया और कहा कि कबीर बीजेपी की साजिश का हिस्सा बनकर बंगाल में धार्मिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। फिरहाद हाकिम ने पूछा कि अचानक बाबरी मस्जिद क्यों और छह दिसंबर की तारीख क्यों चुनी। उन्होंने कहा कि कबीर स्कूल या कॉलेज बना सकते थे, लेकिन यह कदम विभाजनकारी है। टीएमसी हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव की पक्षधर रही है और ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
फिरहाद हाकिम का बयान और पार्टी की सख्ती
टीएमसी के वरिष्ठ नेता और कोलकाता मेयर फिरहाद हाकिम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में निलंबन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की सहमति से यह फैसला लिया गया। हाकिम ने कहा कि कबीर लंबे समय से विवादास्पद बयान दे रहे थे, लेकिन अब हद पार हो गई। पार्टी ने उन्हें अंतिम चेतावनी के बाद सस्पेंड किया। बीजेपी ने भी कबीर के बयान की निंदा की और कहा कि बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बनेगी। हुमायूं कबीर ने सस्पेंड होने पर कहा कि वे इस्तीफा देकर नई पार्टी बनाएंगे। बंगाल की राजनीति में यह नया मोड़ सांप्रदायिक मुद्दों को गरमा रहा है।



