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पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने की घोषणा, ‘रन फॉर सेल्फ’ के तहत बिहार की बेहतरी के लिए करेंगे काम

अधिकारी की कुर्सी पर बैठ जनता की समूल समस्या का समाधान संभव नहीं, सिर्फ तन से खाकी उतारी है, हमारी चमड़ी भी खाकी की हो चुकी है..

Patna: सिंघम के नाम से मशहूर पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने नौकरी से इस्तीफा देने के बाद पहली बार शुक्रवार को मीडिया के सामने आये। इस दौरान उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण बताया। साथ ही अपनी नई पारी का ऐलान भी किया। उन्होंने बताया कि अपनी मां और पत्नी से सलाह लेकर नौकरी से इस्तीफा दिया और अब बिहार की दिशा और दशा बदलने का मन बनाया है। इसके लिए ‘रन फॉर सेल्फ’ के बैनर तले वे सिर्फ बिहार की बेहतरी के लिए काम करेंगे। उनका यह उनका अभियान 4 मार्च से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि उनकी इस पहल का कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। सिर्फ बिहार के दिशा और दशा को बदलने के लिए काम करना है। मुंगेर से ही आईपीएस सेवा की शुरुआत की थी अब वहीं से नई शुरुआत भी करेंगे।

श्री लांडे कहा कि महाराष्ट्र मेरी जन्मभूमि है लेकिन बिहार मेरी कर्मभूमि है। बिहार ने मेरी पहचान दिलायी है। मेरा कर्तव्य बनता है कि बिहार की जनता को अपनी सेवा सदैव देता रहूं। नौकरी में रहते हुए भी जनता की सेवा कर सकते थे इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिकारी की कुर्सी पर रहकर जनता की समस्या का समूल समाधान करना संभव नहीं है।
खाकी उतारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे शरीर से खाकी उतरी है लेकिन मेरे शरीर की पूरी चमड़ी खाकी हो गयी है। बिहार को फिट करने के मिशन को लेकर आगामी 4 मार्च से पूरे बिहार में दौड़ लगाएंगे। इसकी शुरूआत वे मुंगेर जिले से करेंगे। दौड़ तमाम जिलों को टच करते हुए अगले 45 दिनों तक चलेगी।

अपने इस मुहिम की घोषणा करते हुए शिवदीप लांडे कई बार भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि यहां के युवाओं ने मुझे असीम प्रेम दिया है। लेकिन जब भी मैं उनके तरफ देखता हूं तो मुझे लगता है मुझे भी इन युवाओं के साथ मिलकर कुछ करना पड़ेगा। यहां के युवाओं में गजब की एनर्जी है। इनमे वो शक्ति है कि अगर ये ठान लें तो महज कुछ ही वर्षों में यहां की रूप रेखा को बदल सकते हैं। युवाओं के उचित मार्गदर्शन व सशक्तिकरण के लिए इनके बीच रहना पड़ता और इसके लिए मैंने इस्तीफा देना ही उचित समझा। मौके पर शिवदीप लांडे फाउंडेशन के ट्रस्टी ममता शिवदीप लांडे व मंजीत विशाल मौजूद थे।

पहले ही दे चुके संकेत

राष्ट्रपति द्वारा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद 29 जनवरी को लांडे ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “जल्द आप लोगों के बीच आ रहा हूं।” वहीं, 6 फरवरी को उन्होंने अपनी वर्दी की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “वर्दी एक युवा मन का सपना होती है, लेकिन सतत-समर्पित सेवा के बाद चमड़ी ही वर्दी बन जाती है। नौकरी से आगे निकलकर बिहार की आबो-हवा में मिलने का वक्त आ गया है। कहानी का एक अंक संपन्न हुआ, दूसरे का आगाज।” इसके बाद 11 फरवरी को उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा, “एक कदम माटी के कर्ज की ओर।” इस पोस्ट में वे नदी किनारे खड़े होकर सूर्य को प्रणाम करते नजर आए, जबकि बैकग्राउंड में बिहार का नक्शा बना हुआ था।

क्यों चर्चा में रहते थे शिवदीप लांडे?

महाराष्ट्र के रहने वाले शिवदीप वामनराव लांडे 2006 बैच के IPS अधिकारी हैं। बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान वे कई बार अपने अनोखे अंदाज के कारण सुर्खियों में रहे। जनवरी 2015 में उन्होंने पटना के डाक बंगला चौराहे पर घूसखोरी में लिप्त यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सर्वचंद को फिल्मी अंदाज में पकड़ा था। सर्वचंद पर आरोप था कि वह पटना के दो व्यापारियों से एक केस खत्म करने के लिए रिश्वत मांग रहे थे। व्यापारियों ने यह जानकारी उस समय के पटना एसपी लांडे को दी। इसके बाद लांडे ने खुद भेष बदलकर टी-शर्ट और सिर पर दुपट्टा लपेटकर डाक बंगला चौराहे पर इंस्पेक्टर सर्वचंद का इंतजार किया। जैसे ही सर्वचंद घूस लेने पहुंचे, लांडे ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, सबूतों के अभाव में कुछ देर बाद उन्हें छोड़ना पड़ा।

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